Katihar – कटिहार

कटिहार अक्टूबर महीना म अस्तित्व म पचास साल पहले अइले छेलै, मतलब दु अक्टूबर के पचासवाँ स्थापना दिवस मनैलके। कटिहार र साहित्य, संस्कृति आरू इतिहास बहुते समृद्ध छै लेकिन आइज-काल र युवा को ई सब से कोई मतलब नै छै। ओकरा सीनी के खाली मोबाइल में यूट्यूब वीडियो आरू सोशल मीडिया...

हिंदी पखवाड़ा

हिंदी पखवाड़ा सरकारी तौर पर १५ दिन का कार्यक्रम होता है जो लगभग हर सरकारी संस्थानों में मनाया जाता है। इसमें हर संस्थान अपने-अपने यहाँ हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए साल भर के कामों का लेखा-जोखा रखता है या यूँ कहे कि वे यह कहते है कि हमने इतना काम हिंदी में किया जैसे कि...

हिंदी दिवस

आजकल (१४ – २८ सितंबर) सरकारी तौर पर हर सरकारी संस्थान में हिंदी विभाग हिंदी पखवाड़ा मनाता है। इसी क्रम में १४ सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर एक सरकारी कार्यक्रम में पश्चिम दिल्ली जाना हुआ और इस कार्यक्रम का संचालन करने वाली संस्था जिनमें ज्यादातर हिंदी भाषी लोग है...

सांगीत के विविध आयाम

डॉ बीरेंद्र कुमार ‘चन्द्रसखी’ के किताब “सांगीत के विविध आयाम” के षष्टम अध्याय में लेखक द्वारा “नारी व पुरुष सामाजिक परिवेश में” स्त्री पुरुष के स्थिति पर काफी पैनी नज़र से इस विषय पर अपनी बात रखी है और जितना आप लेखक को पढ़ते है उतना...

तुम चुप क्यों रहे केदार

यह मेरे लेख का शीर्षक नही, यह एक किताब का नाम है जो 2013 केदारनाथ में हुई घटना को लेकर हृदयेश जोशी जी की है। हृदयेश जोशी जी लगातार पर्यावरण से संबंधित विषयों पर हमेशा सक्रिय होकर लिखते और बोलते रहते है। यह किताब उनके एक चैनल के साथ रहने के दौरान पत्रकारिता करते हुए इस...

यमुना बाढ़ दिल्ली २०२३

दिल्ली में मानसून के साथ इस बार बाढ़ की घटना ने पूरे भारत का दिल दहला दिया तो सोचिये यमुना किनारे रहने वालों के मन में क्या चल रहा होगा। यमुना में बाढ़ की कहानी कोई नई नही है लेकिन हाल के वर्षों तक एक पीढ़ी ने इस तरह का बाढ़ नही देखा था कहा जा रहा है इससे पहले १९७८ में...