यहाँ हम लेखन के प्रेमी और कला के प्रशंसकों के साथ लेखों को साझा करेंगे। अद्भुत शब्दों के माध्यम से, जो हमें सतत रूप से प्रेरित करते हैं। यह लेखकों के मनोबल को उत्कृष्टता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक साथ मिलकर काम करने का संकल्प का माध्यम भर है।

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कुंवर नारायण – साहित्य और दर्शन

कुंवर नारायण – साहित्य और दर्शन

कुंवर नारायण हिंदी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर थे। उनके साहित्य में गहन मानवतावादी दृष्टिकोण, दार्शनिकता और जीवन के प्रति एक व्यापक दृष्टिकोण झलकता है। उनकी काव्य रचनाओं, कहानियों, निबंधों, और आलोचनात्मक लेखन में उनके विचारों की गहराई और व्यापकता स्पष्ट रूप से दिखाई…

सरस्वती प्रसाद और साहित्य

सरस्वती प्रसाद और साहित्य

साहित्य समाज का दर्पण होता है, और एक लेखक के विचार उसकी रचनाओं में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होते हैं। जब हम हिंदी साहित्य के समृद्ध भंडार की बात करते हैं, तो हमें कई ऐसे महान लेखक मिलते हैं जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को दिशा दी है। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण लेखक हैं सरस्वती प्रसाद…

काका हाथरसी और उनके व्यंग्य

काका हाथरसी और उनके व्यंग्य

काका हाथरसी हिंदी साहित्य के हास्य और व्यंग्य विधा के एक प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। अपने अनोखे और मर्मस्पर्शी लेखन के जरिए उन्होंने समाज और राजनीति के अनेक पहलुओं पर व्यंग्य किया और अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को हंसाते हुए भी गहराई से सोचने पर मजबूर किया…

सीताकांत महापात्रा: कवि और आलोचक

सीताकांत महापात्रा: कवि और आलोचक

भारत के साहित्यिक परिदृश्य में कई ऐसे कवि और लेखक हुए हैं जिन्होंने अपनी रचनाओं से समाज को न केवल प्रेरित किया बल्कि साहित्य में नए प्रतिमान भी स्थापित किए। ऐसे ही महान साहित्यकारों में से एक हैं सीताकांत महापात्रा, जो ओड़िया भाषा के प्रमुख कवि, साहित्यिक आलोचक और विद्वान माने जाते हैं…

हिंदी साहित्य से प्रेरणादायक बातें

हिंदी साहित्य से प्रेरणादायक बातें

हिंदी साहित्य भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह साहित्य न केवल भाषा का विकास करता है, बल्कि सामाजिक, नैतिक, और व्यक्तिगत विकास के लिए भी प्रेरणा देता है। छात्रों और युवा पीढ़ी के लिए हिंदी साहित्य एक समृद्ध स्रोत है, जहाँ से वे प्रेरणा, आदर्श और नैतिक मूल्यों…

स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण

स्वामी विवेकानंद का शिकागो भाषण

स्वामी विवेकानंद का शिकागो में दिया गया ऐतिहासिक भाषण न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। 11 सितंबर 1893 को विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद ने अपने उद्घाटन भाषण से ही दुनिया को भारत की प्राचीन संस्कृति और अध्यात्म का परिचय दिया। यह भाषण…