मेरी साहित्यिक यात्रा
मैं शशि धर कुमार शैक्षणिक तौर पर एक ऐसे पिछड़े इलाके से आता हूँ जो आज भी बिहार का शिक्षा, रोजगार और सुविधा की उपलब्धता के मामले में सबसे पिछड़े क्षेत्र में गिना जाता है। मेरी पढ़ाई गाँव के ही एक लघु विद्यालय से शुरू हुई जहाँ पाँचवी तक ही पढ़ाई संभव थी। माध्यमिक शिक्षा के लिए हमारे गाँव से सुदूर कस्बे तक पदयात्रा करके जाया करता था। उच्च और उच्चतम शिक्षा के बीच मेरी दुरी में उत्तरोत्तर वृद्धि होती चली गयी और मेरी पैदल यात्रा से शुरू हुई कहानी दिल्ली तक आ पहुँची। कॉलेज के समय से ही मैं हिंदी और अंग्रेजी में कवितायें और कहानियाँ लिखा करता था। इसी लिखने के क्रम में मैं जब बारहवीं में था तब ओसवाल प्रतियोगिता विज्ञान जो आगरा से छपने वाली विज्ञान को समर्पित पत्रिका हुआ करती थी उसमें मेरा एक लेख भी छपा था और इस लेख को पुरे भारत में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था। मुझे आज भी याद है जब एक उच्च विद्यालय के शिक्षक ने मुझे मेरी कवितायें सुनने के बाद कहा था कि आप अच्छा लिखते है लेकिन लेखन में त्रुटियाँ है जो लिखते-लिखते सुधार हो जायेगा और मैं आपसे कहता हूँ कि एक दिन आपकी अपनी कविता की किताब छपेगी। आज मैं जब उस बात को सोचता हूँ तो बड़ा आश्चर्य होता कि मेरी कविताओं को लेकर वे कितने गंभीर थे। यही वजह थी की मेरी रुचि अंग्रेजी साहित्य के साथ प्रति भी बढ़ता चला गया लेकिन कहते है ना साहित्यिक यात्रा के लिए घर में माहौल जरुरी है उसकी कमी जरूर थी। लेकिन अपने कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ यह भी चलता रहा लेकिन भाग्य में कुछ और लिखा था और मैं उसी में बहता चला गया। समय के साथ मेरी पढ़ाई पूरी हुई और मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया लेकिन समय के साथ चलते हुए मेरी भाषा को लेकर या यूँ कहे मेरी लिखने की प्रवृति पर रोक नहीं लग पाया और मैं उस दौरान अपने पेशेवर जिंदगी में होने वाली मुश्किलों को अपने ब्लॉग के माध्यम से लिखता चला गया। उस समय भी कई दोस्तों ने गलतियों को लेकर टोका लेकिन मैंने कभी लिखना नहीं छोड़ा। मेरी शब्दों और कविताओं के प्रति प्रेम निर्विवाद था, और यही वजह रही कि जब डॉ बीरेंद्र कुमार “चन्द्रसखी” जी ने मुझे लिखने के लिए प्रेरित किया तो मैं ना नहीं कह पाया और वहाँ से मैंने अपनी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत की जो कविता, मुक्तक, कहानी, आलोचना, किताब समीक्षा, लेख तथा अलग-अलग लेखकों के लेख, कविता आदि को कैथी लिपि में भी लिप्यंतरण करता आ रहा हूँ।
मेरा सफर काव्य रचना से शुरू हुआ था और दो पंक्ति लिखने में भी काफी पन्ने खर्चने पड़ते थे क्योंकि उस समय कंप्यूटर उपलब्ध नहीं था। मेरी कविताएँ आम जन-जीवन की भावनाओं, सामाजिक परिस्थितियों और धर्म से मिश्रित हुआ करती थीं। मेरे शब्दों में ग्रामीण जीवन, उसकी परंपराओं और प्रकृति की सुंदरता के चित्रण हुआ करते थे। समय के साथ-साथ आजकल सोशल मीडिया पर कई तरह के प्लेटफार्म है जो ऐसी संभावनाएं दे रहे है कि लेखक खुद की लिखी हुई रचनाओं के माध्यम से दूर से दूर बैठे लोगों तक अपनी बात पहुँचा सके इसी क्रम में Asian Literary Society ने मुझे अंग्रेजी में भी अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने का माध्यम दिया और इससे ना सिर्फ मेरे लेखन में सुधार हुआ बल्कि कई कविताओं को पाठकों का समर्थन के साथ साथ संपादक मंडल ने पुरस्कार देने लायक समझा और मेरी कविताओं का सम्मान भी किया। मेरा मानना है कि कविता की भाषा की सार्वभौमिकता ही किसी भी लेखक को व्यापक दर्शकों तक पहुंचने में सक्षम बनाती है और यही वजह है मैं अपनी कविताओं में भाषा को साधारण रखने की कोशिश करता हूँ ताकि कोई भी आसानी से पढ़ कर समझ सके। मेरी अंग्रेजी के कविताओं में वैश्वीकरण, संस्कृति और गाँव के साथ परस्पर जुड़ी दुनिया में विकास के दौर को दर्शाने की कोशिश रहती है।
मैंने अपनी साहित्यिक यात्रा को कविता तक सीमित नहीं रखकर इसे मैंने लघुकथा की दुनिया में भी रखने का प्रयास किया है और कोशिश करता हूँ समय के साथ आने वाले विषयों पर छोटी छोटी कहानियों के माध्यम से समाज के सन्देश को पाठकों के समक्ष रख पाऊँ। मैंने स्वदेशी भाषाओं के संरक्षण से लेकर ग्रामीण समुदायों के कई विषयों पर लेख लिखे है। मैंने अपने लेखों से पाठकों को कैथी, अंगिका आदि को लेकर अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया है। यही वजह है कि मैं कैथी में अलग अलग लेखकों के कविताओं, कहानियों के अलग अलग अंश को प्रस्तुत करता रहा हूँ।
मैं हिंदी में कविताओं, लघु कथाओं, मुक्तक, आलोचना, किताब समीक्षा, व्यंग्य और लेखों पर काम करता रहता हूँ, जो व्यापक दुनिया की तस्वीर को देखते हुए मैं इसे गाँव की संस्कृति के साथ जोड़ने का प्रयास करता हूँ। मेरी कोशिश रहती है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत जीवित रहे और उन्हें बचाने के लिए भी मैं अलग अलग भाषाओं और बोलियों में अपनी बात कहने का प्रयास करता हूँ और मुझे अलग-अलग महत्वाकांक्षी लेखकों के साथ साहित्यिक दुनिया में कई भाषाओं और माध्यमों के साथ अपनी अभिव्यक्ति को प्रस्तुत करने का अच्छा अवसर मिल रहा है।
लेखक परिचय
व्यक्तिगत सोच: मेरी व्यक्तिगत सोच के बारे में मैं अपनी ही कविता का एक अंश उद्धरित करना चाहूंगा:
“जब तक साँस है तब तक लड़ेंगे,
लड़ेंगे तबतक जब तक जीत ना जायेंगे।
हार कैसे मान ले…”
जन्म स्थान
कटिहार (बिहार)
शिक्षा
- बैचलर ऑफ़ आर्ट्स (अंग्रेजी)
- बैचलर ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी
- एडवांस्ड पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन
- मास्टर इन डिजिटल मार्केटिंग
- सर्टिफिकेट इन डिजिटल मार्केटिंग (एमएसमीई, भारत सरकार)
- सर्टिफिकेट इन कैथी
- सर्टिफिकेट इन प्राकृत (वर्धमान एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट, पुणे)
- सर्टिफिकेट इन संस्कृत (संस्कृत भारती)
लेखन विधा
- हिंदी में कविता, मुक्तक, कहानी, आलोचना, किताब समीक्षा और लेख
- अंग्रेजी में कविता, किताब समीक्षा और लेख
- कैथी में कविता, लेख, मुक्तक और लिप्यंतरण
- अंगिका में कविता, कहानी और मुक्तक
प्रकाशित कृतियां
१) “रजनीगन्धा” कविता संग्रह द्वारा आम जीवन, प्रेम, स्वतंत्रता, समाजशास्त्र, प्रकृति, भारतीय संस्कृति और मानवीयता की विविधताओं से आपके जीवन में रंग, प्रेरणा, जीवन के प्रति सकारात्मकता और जीवन के अनुछुए पहलुओं को रोशनी देने का प्रयास है।
२) अमर उजाला वेबसाइट के काव्य अनुभाग में “तुम बिन”, “गणेश चतुर्थी”, “कटिहार” और “छठ के बाद” नाम से चार कविताओं का प्रकाशन।
३) मांडा प्रकाशन द्वारा “१२० सर्वश्रेष्ठ कवितायें भाग-३” अंक में १० चुनिंदा कविताओं का प्रकाशन।
४) नीलम प्रकाशन द्वारा “चंद्रयान-चाँद के पार चलो” अंक में “चाँद की दुनिया” और “चंद्रयान का सफर” नामक दो कविताओं का प्रकाशन।
५) नीलम प्रकाशन द्वारा “हिन्दी से हम-एक भाषा, एक संवाद” अंक में “जन-जन की भाषा” और “हिन्दी दिवस” नामक दो कविताओं का प्रकाशन।
६) नीलम प्रकाशन द्वारा “शब्दों का शिखर” अंक में “कुछ नहीं बदला” और “शहर बसाने के लोभ में” नामक दो कविताओं का प्रकाशन।
७) Let’s Write Publication द्वारा “Guiding LIghts” अंक में एक हिंदी कविता तथा दूसरी अंग्रेजी कविता का प्रकाशन।
८) इन्क़लाब पब्लिकेशन द्वारा “मैं दीपक हूँ” अंक में “मेरी माटी मेरा देश” और “पिता और पुत्री” नामक दो कविताओं का प्रकाशन।
९) नीलम प्रकाशन द्वारा “कहानियों का सफर” अंक में “बेरोजगार युवक और राजनीति” और “युवाओं में लत” नामक दो कहानियों का प्रकाशन।
१०) नीलम प्रकाशन द्वारा “नारी -पूज्या या भोग्या” अंक में “महिला हिंसा” और “मैं नारी हूँ” नामक दो कविताओं का प्रकाशन।
११) इन्क़लाब पब्लिकेशन द्वारा “रूह तक” अंक में “तृष्णा” और “तस्वीर” नामक दो कविताओं का प्रकाशन।
१२) साहित्यनामा वेबसाइट पर “हिन्दी पखवाड़ा” और “दिल से हिन्दी!” नाम से दो लेखों का प्रकाशन।
१३) नव उदय हिंदी मासिक के सितंबर 2023 अंक में “हॉकी का जादूगर” और “हिंदी भाषी है हम” नाम से दो कविताओं का प्रकाशन।
१४) दैनिक दर्पण एवं साहित्य पत्र के जन्माष्टमी विशेषांक पर “श्री कृष्ण एवं वृन्दावन” एवं “जन्माष्टमी” नामक दो कविताओं का प्रकाशन।
१५) इन्क़लाब पब्लिकेशन हिंदी मासिक मिट्टी की सौगंध के दिसंबर 2023 अंक में “करवा चौथ” नाम से कहानी का प्रकाशन।
१६) Asian Literary Society की वेबसाइट पर सात पुरष्कृत कविताओं का प्रकाशन।
१७) नव उदय हिंदी मासिक के मार्च २०२४ अंक में “गांव की सड़क” नाम से कविता का प्रकाशन।
१८) Aadhya Publishing House हिंदी मासिक Panache के मार्च २०२४ अंक में “Your Smile” नाम से English Poem का प्रकाशन।
१९) नव उदय हिंदी मासिक के अप्रैल २०२४ अंक में “होली छै” नाम से अंगिका की कविता का प्रकाशन।
२०) साहित्यनामा हिंदी मासिक के फरवरी २०२४ अंक में “सामाजिक न्याय का राजनैतिक योद्धा:लोकनायक कर्पूरी ठाकुर” नाम से ऐतिहासिक लेख का प्रकाशन।
२१) Asian Literary Society की मासिक पत्रिका अक्टूबर २०२३ में “जन्माष्टमी” नाम से अंग्रेजी कविता का प्रकाशन।
२२) Asian Literary Society फेसबुक ग्रुप में ८० से भी ऊपर हिंदी और अंग्रेजी कविता, कहानी और मुक्तक का प्रकाशन।
२३) साहित्यनामा पत्रिका फेसबुक ग्रुप में ३ हिंदी कविता और कहानी का प्रकाशन।
२४) साहित्य अर्पण-एक पहल – अंतर्राष्ट्रीय मंच फेसबुक ग्रुप में 4 हिंदी कहानी का प्रकाशन।
२५) Hans Patrika फेसबुक ग्रुप में ६ हिंदी कविता और कहानी का प्रकाशन।
२६) ALS Indigenous Languages फेसबुक ग्रुप में ६ हिंदी कविता और लेख का कैथी लिपि में प्रकाशन।
२७) Kaithi Lipi फेसबुक ग्रुप में ३१ हिंदी कविता और लेख का कैथी लिपि में प्रकाशन।
२८) हिन्दी कविता – Magic of Poetry फेसबुक ग्रुप में ५ हिंदी कविताओं प्रकाशन।
२९) Aadhya Publishing House हिंदी मासिक Panache के जून २०२४ अंक में “Mother” नाम से English Poem का प्रकाशन।
३०) Aadhya Publishing House हिंदी मासिक Panache के अगस्त २०२४ अंक में “Monsoon” नाम से English Poem का प्रकाशन।
३१) साहित्यनामा हिंदी मासिक के जुलाई २०२४ अंक में “ट्रेन संख्या १२४२४” नाम से एक यात्रा वृतांत लेख का प्रकाशन।
मुख्य साहित्यिक बिंदु
मेरी साहित्यिक यात्रा में सबसे पहले अपने पाठकों का शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने मुझे इस हद तक प्रोत्साहित किया जिनकी वजह से आज जितनी भी प्रकाशित लेख, कवितायें, कहानियाँ आदि लिख कर जब भी सामने रखा हमेशा ही उनका प्यार मिला। उम्मीद है आगे भी इसी प्रकार मिलता रहेगा। इस यात्रा में सभी प्रकाशकों का तथा मेरे प्रेरक गुरुओं का विशेष योगदान रहा है।
प्रकाशित रचनाएँ
पाठक
कविता पाठ
सम्मान और पुरस्कार
*ऊपर दर्शाई गई सभी संख्याएँ संभावित हैं और यह दैनिक आधार पर बढ़ती हैं।
प्रकाशन समूह
सभी प्रकाशन समूहों का बहुत बहुत आभार और धन्यवाद ! उन्होंने मुझ जैसे नवोदित लेखक को अपने साहित्यिक कृतियों में जगह दी।
*प्रदर्शित सभी लोगो (logos) केवल उदाहरणात्मक उद्देश्यों के लिए हैं और सभी का स्वामित्व उनके संबंधित ब्रांड/कंपनी/साहित्यिक संगठनों के पास है।














