जोशीमठ – त्राशदी या मानवीय भूल

जोशीमठ सिर्फ एक ऐतिहासिक नगरी नहीं है धार्मिक नगरी भी है जो बदरीनाथ का द्वार भी है। यहाँ से लोग  केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जाते है इसको आप बेसकैम्प भी मान सकते है। गैज़ेटीयर ऑफ उत्तराखंड की माने तो 1881 की जनगणना के हिसाब से यहाँ 500 से भी कम लोग रहते थे और आज...

Hindi – हिंदी

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिनु निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल। अँग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन, पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन। ~ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कारों के नाम हिन्दी में हैं हथियारों के अंग्रेज़ी में युद्ध की भाषा...

कोशी के वटवृक्ष

यह किताब मैंने 2022 के पूर्वाध में मंगाई थी लेकिन एक चैप्टर बाद यह रह गयी थी तो मैने सोचा कि साल के शुरुआत में ही इसको पढ़ लिया जाय। यह कहानी सुपौल जिले के उन बुजुर्गों की है जिनका 2008 के कोशी के बाढ़ में सब कुछ छीन गया। पुष्यमित्र जी लिखित यह किताब काफी रिसर्च और...